गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित 12 ग्रंथ प्रामाणिक माने जाते हैं-दोहावली, कवित रामायण (कवितावली); गीतावली, रामचरितमानस, रामाज्ञाप्रश्न, विनयपत्रिका रामललानहछू, पार्वतीमंगल, जानकीमंगल, बरवै रामायण, वैराग्य संदीपिनी, श्रीकृष्णगीतावली। रामचरितमानस तुलसी की प्रसिद्धि का सबसे बड़ा आधार है। इसकी रचना गोस्वामी जी ने 1754 ई. में प्रारंभ की जैसा कि उनकी इस अर्धाली से प्रकट है-

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