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समय सफलता की कुंजी हैं.जन्मा और मरण के बीच का समय कितना अनमोल हैं, हम उसका अनुमान नहीं लगा सकते. जो समय बीत जाये वह कभी वापस नहीं आता. समय जैसी मूल्यवान संपदा का भंडार होते हुए भी हम हमेशा उसकी कमी का रोना रोते रहते हैं क्योंकि हम इस अमूल्य समय को बिना सोचे समझे खर्च कर देते हैं। कबीर दस जे ने कहा हैं की -   काल करै सो आज कर, आज करै सो अब।   पल में परलै होयेगी, बहुरी करेगा कब।।समय का दुरूपयोग सफलता की राह की सबसे बड़ा क्षत्रु हैं. यदि विद्यार्थी समय पर पड़ेंगे नहीं तोह हर परीक्षा में असफल रहेंगे. उनके ज्ञान और व्यक्तित्व में विस्तार नहीं होगा. हमें अपने जीवन का हर पल अच्छे कार्यों में लगाना चाहिए और अगले दिन या घंटे की सोच में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए. आज कल की युवा जल्दी से धन इकट्टा करना चाहती हैं. विद्यालय या महा विद्यालय में न जाकर इधर उधर बटकते हैं. उनको मालूम नहीं होता की यह जो समय हैं वह कभी वापस नहीं आएगा.

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