Answer :

दादा दादी कविता |  dada  dadi kavita | poem on grand parents


 दादा - दादी करते गुहार
बैठो मेरे पास घण्टे दो-चार
हम बताते अनगिनत उपचार
पाओगे नई ऊर्जा हर बार।
मोबाइल लेपटॉप तो बीमारी है
जिसने गहरी नींद उड़ा दी है
डॉक्टर वैद्य के पास नहीँ है इलाज
हमारे नुस्खे ही होंगे असरदार।
दादा-दादी की पोटली में कहानियों का खजाना
अनगिनत कहावतों का नजराना
नुस्खों से युवा चेहरा चमकाए
बच्चों बूढ़ो के  बीमारी पास न आये।
वो सुनाते निज संघर्षो की दास्तान
उस जमाने के सीमित सामान
फिर आँगन चहकता था
सब थे कुल शील के निधान।
दादा-दादी का प्रेम लील लेता तख़्तों तलवार
हमें बनाती वो झूठमूट का राजकुमार
काश फिर से बच्चे बन जाये
उस परिकथा में डुबकी लगाये।
माना युवा खून गरम होता है
उससे ही इतिहास का सृजन होता है
पर दादा - दादी का अनुभव सब पर भारी है
उससे तो तीर तलवार भी हारी है।

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