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भाषा के क्षेत्रीय रूप को बोली कहते हैं। बोली देश के किसी भी भाग में बोली जाने वाली वह भाषा है जिसका अपना साहित्य नहीं होता, अपनी लिपि नहीं होती। लेकिन ब्रज, अवधी, खड़ी बोली में साहित्य रचना भी हुई परंतु आगे चलकर केवल खड़ी बोली ही वर्तमान हिंदी भाषा का रूप ले पाई।