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पदबंध और उसके भेद इस प्रकार हैं:
क. अलमारी में रखी पुस्तक मेरे मित्र की है।
- यहाँ पदबंध है "मित्र की", जो कर्ता के सम्बंध का बोध कराता है। इसे कारकीय पदबंध कहते हैं।
ख. लकड़ी की पुरानी अलमारी उस कोने में रखी है।
- यहाँ पदबंध है "उस कोने में", जो स्थान का सम्बंध बताता है। इसे स्थानीय पदबंध कहते हैं।
ग. दसवीं कक्षा में पढने वाले सभी घर चले गए।
- यहाँ पदबंध है "पढने वाले", जो क्रिया के कर्ता का बोध कराता है। इसे कर्मी पदबंध कहते हैं।
घ. सबसे कम खाने वाला आज खाता ही जा रहा है।
- यहाँ पदबंध है "खाने वाला", जो क्रिया के विषय का बोध कराता है। इसे बहुव्रीहि पदबंध कहते हैं।
ङ. इन लड़कों के साथ पतंग उड़ाते फिरते हो।
- यहाँ पदबंध है "उड़ाते फिरते", जो क्रिया का सम्बंध बताता है। इसे अव्ययीभावी पदबंध कहते हैं।
च. किसान ने साँप को लाठी से पीट-पीटकर मार डाला।
- यहाँ पदबंध है "लाठी से", जो उपकरण का सम्बंध बताता है। इसे उपकरणी पदबंध कहते हैं।
छ. स्कूल के चारों ओर ऊँची दीवार है।
- यहाँ पदबंध है "चारों ओर", जो स्थान का सम्बंध बताता है। इसे स्थानीय पदबंध कहते हैं।
ज. इस बार वर्षा समय से पहले आ गई।
- यहाँ पदबंध है "समय से", जो समय का सम्बंध बताता है। इसे कालीन पदबंध कहते हैं।
झ. मैं इस वर्ष के अंत तक चला जाऊँगा।
- यहाँ पदबंध है "वर्ष के अंत तक", जो समय का सम्बंध बताता है। इसे कालीन पदबंध कहते हैं।
ञ. वह बात-बात पर रोने लगती है।
- यहाँ पदबंध है "बात-बात पर", जो स्थिति का सम्बंध बताता है। इसे स्थितिपदबंध कहते हैं।