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1. हमें किस मार्ग पर चलना चाहिए ?
हमें सदाचार, सत्य, और धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए। यह मार्ग हमें नैतिकता, ईमानदारी, और सही आचरण की ओर ले जाता है, जिससे हम समाज में एक अच्छा जीवन व्यतीत कर सकते हैं और दूसरों के लिए आदर्श बन सकते हैं।
2. हमें किन चीज़ों से बचना चाहिए ?
हमें असत्य, अधर्म, हिंसा, और अन्य अनैतिक कृत्यों से बचना चाहिए। इसके अलावा, ईर्ष्या, क्रोध, लोभ, और अहंकार जैसी नकारात्मक भावनाओं से भी दूर रहना चाहिए, क्योंकि ये हमारे जीवन में समस्याएँ उत्पन्न कर सकती हैं और हमारे व्यक्तिगत तथा सामाजिक जीवन को प्रभावित कर सकती हैं।
3. हमारे मन में किसके हित की भावना रहनी चाहिए ?
हमारे मन में सभी प्राणियों के हित की भावना रहनी चाहिए। हमें हमेशा दूसरों के कल्याण के बारे में सोचते हुए कार्य करना चाहिए, चाहे वे हमारे परिवार के सदस्य हों, मित्र हों, या समाज के अन्य लोग। परोपकार और समाज सेवा की भावना से प्रेरित होकर कार्य करना हमारे जीवन को अधिक सार्थक बनाता है।
4. ईश्वर को माता-पिता क्यों कहा गया है ?
ईश्वर को माता-पिता इसलिए कहा गया है क्योंकि जैसे माता-पिता अपने बच्चों का पालन-पोषण करते हैं, उनकी देखभाल करते हैं, और उन्हें सही मार्ग दिखाते हैं, उसी प्रकार ईश्वर भी अपने भक्तों का मार्गदर्शन करते हैं, उनकी रक्षा करते हैं, और उन्हें सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद करते हैं। ईश्वर का स्नेह और करुणा अनंत है, जो हर जीव के लिए सुलभ है। इसलिए ईश्वर को माता-पिता के समान सम्मान और स्नेह दिया गया है।