आपकी पाठ्यपुस्तक में दी गई कहानी 'गिल्लू' को ध्यान में रखते हुए जीव जंतुओं के प्रति मानवीय संवेदनाओं को व्यक्त करने वाली एक सुंदर कहानी लिखिए।

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**गिल्लू**

एक छोटी सी गांव में रहने वाला गिल्लू नामक लड़का बचपन से ही जानवरों से बहुत प्यार करता था। उसके घर पालतू कुत्ता, बिल्ली, और गांव के बच्चों के साथ खेलने वाले बकरे थे। वह हर जानवर की भाषा समझता था और उनसे बात करने का अच्छी तरह से जानता था।

एक दिन, गिल्लू ने एक बुजुर्ग किसान से सुना कि जंगल में एक बहुत ही दुर्लभ जानवर रहता है, जिसे लोग 'सोने की चिड़िया' कहते हैं। इसे देखने के लिए लोग दुनियाभर से आते हैं, परंतु यह अन्याय से जानवरों के निकटतम स्वास्थ्य और मानवीयता के प्रति उनकी भावनाओं के प्रति ध्यान नहीं देते।

गिल्लू ने तुरंत निर्णय लिया कि वह सोने की चिड़िया को देखने जाएगा। उसने अपने गांव के बच्चों को भी साथ लेने के लिए कहा। सब मिलकर उस जंगल की ओर चल पड़े, जहां वे न केवल सोने की चिड़िया को देख सके, बल्कि वहां उन्होंने जंगल की सुंदरीयता और वन्यजीवों की संपूर्णता का आनंद भी लिया।

गिल्लू ने समझा कि सोने की चिड़िया न केवल एक जानवर है, बल्कि यह उसके जीवन का हिस्सा है, जिसे हमें सम्मान और सहानुभूति से देखना चाहिए। वह लौटकर अपने गांव वालों को भी यही समझाने लगा।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें जंगल के जीवन को सिर्फ खेल के अवसर नहीं, बल्कि उनके साथी होकर उनकी रक्षा करने की भी जिम्मेदारी है। हमें अपने प्राकृतिक संसाधनों के प्रति सम्मान और देखभाल की आवश्यकता है, क्योंकि यह हमारे और हमारे आने वाली पीढ़ियों के लिए आवश्यक है।

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**गिल्लू और चिकी: एक दोस्ती की कहानी**

एक शांत और सुंदर गांव में, जहां पेड़ों की हरी-भरी शाखाएं आसमान को चूमती थीं और पक्षियों का मधुर संगीत हर सुबह गूंजता था, एक छोटा-सा लड़का अर्जुन अपने माता-पिता के साथ रहता था। अर्जुन का दिल बहुत बड़ा था, और वह हर जीव-जन्तु से बहुत प्यार करता था।

एक दिन, अर्जुन अपने बगीचे में खेल रहा था जब उसने एक पेड़ के नीचे कुछ हलचल सुनी। उसने देखा कि एक छोटा-सा गिलहरी का बच्चा, जिसे बाद में उसने 'गिल्लू' नाम दिया, पेड़ से गिरकर घायल हो गया था। गिल्लू बहुत छोटा और कमजोर था, और उसकी आँखों में डर साफ झलक रहा था। अर्जुन ने बिना सोचे-समझे उसे उठाया और अपने घर ले आया।

अर्जुन ने अपनी माँ की मदद से गिल्लू की देखभाल की। उसकी चोटों पर मरहम लगाया और उसे दूध पिलाया। गिल्लू धीरे-धीरे स्वस्थ होने लगा और अर्जुन के साथ रहने लगा। गिल्लू अब अर्जुन के घर का हिस्सा बन चुका था। वह घर में इधर-उधर दौड़ता, अर्जुन के कंधे पर बैठता, और अपनी नन्ही-नन्ही हरकतों से सबको हँसाता।

कुछ समय बाद, अर्जुन को बगीचे में एक और जीव मिला। यह एक छोटी-सी चिड़िया थी, जिसे उसने 'चिकी' नाम दिया। चिकी भी घायल थी और उड़ नहीं पा रही थी। अर्जुन ने उसे भी अपने घर लाकर उसकी देखभाल की। गिल्लू और चिकी के बीच जल्द ही दोस्ती हो गई। वे दोनों अर्जुन के साथ मिलकर खेलते और एक-दूसरे की कंपनी का आनंद लेते।

गिल्लू और चिकी ने अर्जुन को सिखाया कि जीव-जन्तुओं के प्रति करुणा और प्रेम का भाव कितना महत्वपूर्ण है। अर्जुन ने महसूस किया कि ये छोटे-छोटे जीव भी हमारी तरह भावनाएँ महसूस करते हैं और उन्हें भी हमारी तरह प्यार और देखभाल की जरूरत होती है। अर्जुन ने अपनी किताबों और दोस्तों से भी इस बारे में बात की, और सबको बताया कि कैसे उन्होंने गिल्लू और चिकी की मदद की।

गिल्लू और चिकी की दोस्ती और अर्जुन की संवेदनशीलता की कहानी पूरे गांव में फैल गई। लोग अब अधिक संवेदनशील हो गए थे और किसी भी घायल या असहाय जानवर की मदद करने के लिए तत्पर रहते थे। अर्जुन की तरह अब हर कोई जीव-जन्तुओं के प्रति मानवीय संवेदनाओं को समझने और उन्हें प्यार देने लगा था।

अर्जुन के घर में अब भी गिल्लू और चिकी की चहचहाहट गूंजती रहती थी, और उनकी दोस्ती की कहानी एक मिसाल बन गई थी। इस प्रकार, अर्जुन ने न सिर्फ गिल्लू और चिकी की जान बचाई, बल्कि पूरे गांव को जीव-जन्तुओं के प्रति मानवीय संवेदनाओं का महत्व भी सिखाया।

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