2. आँखों देखा गया 'रेलवे स्टेशन' के दृश्य का वर्णन 200 शब्दों में कीजिए।

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लोहे का विशाल पुल, रेलवे लाइनें, टिकट खिड़कियाँ, पूछताछ कार्यालय, समय सारिणियाँ, जलपान गृह, पानी पीने के स्थान, शौचालय, विश्रामालय, यात्रियों के बैठने के लिए पत्थर, लकड़ी या लोहे के बैंच, चाय के स्टाल, पुस्तक स्टाल आदि - ये खाली प्लेटफार्म के स्थायी दृश्य हैं। गाड़ी के आने से पहले उस पर चहल-पहल बढ़ जाती है। लोग सामान लादे अपने प्रियजनों के साथ आने लगते हैं। गाड़ी के आते ही प्लेटफार्म जीवंत हो उठता है। बैंचों पर बैठे यात्री अपने सामान के साथ उठ खड़े होते हैं। सभी की नज़र रेलगाड़ी पर होती है। अब नया दृश्य शुरू होता है-चढ़ने-उतरने का। गाड़ी के द्वार पर धक्का-मुक्की का-सा दृश्य होता है। प्लेटफार्म पर कुलियों की व्यस्तता बढ़ जाती है। खाने-पीने की रेहड़ियाँ भी चुस्त हो जाती हैं। कोई पूरियाँ लेकर गाड़ी में भागा जा रहा है तो कोई पानी की बोतल लेकर भरने उतर रहा है। प्लेटफार्म के निकास पर लोहे का द्वार है जिस पर काला कोट पहने टिकट चैकर खड़ा है। लोग अपना-अपना टिकट दिखाकर बाहर चले जाते हैं। गाड़ी के विदा होते-होते सब यात्री भी विदा हो जाते हैं

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