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**शीर्षक: झूठ और सच**
एक गाँव में राहगीर नामक लड़के रहता था। उसका एक विशेष अदात था - वह हर समय किसी न किसी को कुछ न कुछ झूठ बोलता रहता था। उसे झूठ बोलने में इतना मजा आता था कि वह बिना सोचे-समझे बातें बनाता रहता था।
एक दिन, राहगीर ने अपने दोस्त से कहा, "मैंने कल एक विदेशी देश में बहुत बड़ा घर देखा था। वहाँ के लोग बहुत अमीर होते हैं!"
उसके दोस्त ने उसकी बात मान ली और उसे विश्वास कर दिया। पर बाद में पता चला कि राहगीर ने सिर्फ मजाक में झूठ बोला था।
इस घटना ने राहगीर को समझाया कि झूठ बोलने से किसी को धोखा देने के सिवाय कुछ नहीं मिलता। वह समझ गया कि जीवन में ईमानदारी और सच्चाई ही सबसे महत्वपूर्ण हैं। वह तब से दिल से विश्वास करने लगा और उसने अपनी झूठी अदात छोड़ दी।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें हमेशा सच्चाई पर आधारित रहना चाहिए। झूठ की बदहाली हमें वास्तविकता से दूर ले जाती है, जबकि सच्चाई से हमें हमेशा अच्छा और विश्वास मिलता है।