2. संस्कृति का सामान्य अर्थ है, मानव जीवन के
दैनिक आचार-व्यवहार, रहन-सहन तथा क्रिया-कलाप
आदि। वास्तव में संस्कृति का निर्माण एक लंबी परम्परा
के बाद होता है। संस्कृति विचार व आचरण के वे नियम
और मूल्य हैं जिन्हें कोई अपने अतीत से प्राप्त करता है।
इसलिए कहा जाता है कि इसे हम अतीत से अपनी
विरासत के रूप में प्राप्त करते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो
संस्कृति एक विशिष्ट जीवन-शैली का नाम है। यह एक
सामाजिक विरासत है जो परंपरा से चली आ रही होती
है। प्रायः सभ्यता और संस्कृति को एक ही मान लिया
जाता है, परंतु इनमें भेद हैं। सभ्यता में मनुष्य के जीवन
का भौतिक पक्ष प्रधान है अर्थात् सभ्यता का अनुमान
भौतिक सुख-सुविधाओं से लगाया जा सकता है। इसके
लिए विपरीत संस्कृति को आत्मा माना जा सकता है।
इसलिए इन दोनों को अलग-अलग करके नहीं देखा जा
सकता। वास्तव में दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। इनका
विकास भी साथ-साथ होता है। अंतर केवल इतना है कि
सभ्यता समय के बाद बदलती रहती है, किंतु संस्कृति
शाश्वत रहती है।
(क) संस्कृति का क्या अर्थ है?
(ख) संस्कृति को विरासत का स्वरूप क्यों कहा जाता
है?
(ग) सभ्यता और संस्कृति में क्या भेद है?
(घ) सभ्यता और संस्कृति का क्या अर्थ है?
(ङ) गद्यांश को उचित शीर्षक दीजिए ।