अन्याय करने से बड़ा जुर्म है अन्य को सहन इस कथन में संतान के टिप्पणी कीजिए​

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"अन्याय करने से बड़ा जुर्म है अन्याय को सहन करना" यह कथन हमें यह सिखाता है कि सिर्फ गलत काम करना ही नहीं, बल्कि गलत काम को चुपचाप सहन करना भी एक बड़ा अपराध है। इसका अर्थ यह है कि जब हम किसी अन्याय को देखते हैं और उसके खिलाफ आवाज नहीं उठाते, तो हम भी उस अन्याय के हिस्सेदार बन जाते हैं।

इस संदर्भ में संतानों के लिए यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि वे समाज के भविष्य हैं। उन्हें यह समझना चाहिए कि उन्हें न केवल स्वयं सही मार्ग पर चलना है, बल्कि समाज में हो रहे अन्याय के खिलाफ भी खड़े होना है। यह उन्हें एक जिम्मेदार और साहसी नागरिक बनने में मदद करेगा।

संतान के दृष्टिकोण से, यह कथन उन्हें नैतिकता, साहस और सामाजिक जिम्मेदारी के मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा देता है। यह उन्हें सिखाता है कि न केवल स्वयं सही आचरण करना, बल्कि दूसरों को भी सही मार्ग दिखाना और अन्याय के विरुद्ध संघर्ष करना उनका कर्तव्य है।

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