Answer :
हमारा देस और समाज काफी प्रगति कर गया है और आगे कर भी रहा है लेकिन अभी भी स्त्रियो को जितना सम्मान मिलना चाहिए उतना नही मिलता है|मेरा ऐसा मानना है की यदि आप अपने बच्चो को सही से पढाते लिखाते है उन्हें देस दुनिया का सही से परिचय कराते हैं उनकी समस्याओ को समझ करके उसका समाधान करते है तो और बेटी को संकुचित द्रिस्टीसे नही देखते है तो आप को अपनी जिन्दगी में कभी भी ऐसा नही लगेगा की हमारा कोई बेटा नही है बल्कि बेटा और बेटी में आप को अन्तर दिखेगा ही नही साथ ही आपका नाम भी रोशन होगा और इस देस का भी| बेटी है ईश्वर की मांद , बचाओ बेटी बचाओ संसार