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सच्चा सुख परोपकार में निहित है। परोपकार से तात्पर्य है समाज की सेवा करना, अपने लाभ की परवाह किए बिना दूसरों के लिए काम करना। प्रकृति से परोपकार की शिक्षा हमें उन्हें समझने और संरक्षण करने की दिशा में दिशा प्रदान करती है। हालांकि, स्वार्थभावना के कारण परोपकार से अलगाव होता है, जिससे दूसरों के लिए सहायता करने की प्रेरणा कम हो जाती है। इसलिए, हमें स्वार्थशून्य भावना के साथ दूसरों की मदद करने का संकल्प लेना चाहिए, क्योंकि सच्चा सुख परोपकार में ही मिलता है।