नूतन गुंजन किताब का नाम है चैप्टर का नाम इतने ऊंचे उठो चैप्टर 1 कवि का नाम द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी जी क्वेश्चन है आज यह धरती किन-किन विषमताओं से भरी पड़ी है विस्तार से समझाते हुए बताइए

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"नूतन गुंजन" की पहली चरण का नाम "इतने ऊंचे उठो" है। इस चरण में कवि द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी जी के द्वारा विभिन्न विषमताओं की चर्चा की गई है जिनसे हमारी धरती भरी पड़ी है।

कुछ मुख्य विषमताएं निम्नलिखित हैं:

1. **जलवायु परिवर्तन**: धरती पर जलवायु परिवर्तन के कारण विभिन्न प्रकार की विषमताएं होती हैं, जैसे कि ऊंचाई का तापमान, अत्यधिक या अत्यधिक शीतलता, और असमान वर्षा।

2. **प्राकृतिक आपदाएं**: भूकंप, तूफान, बाढ़, भूस्खलन, आदि प्राकृतिक आपदाएं धरती पर विषमताएं उत्पन्न करती हैं।

3. **पर्यावरण संकट**: अधिक और असमान उपयोग द्वारा पर्यावरण संकट जैसे कि वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, और वनों की कटाई होती है।

4. **सामाजिक और आर्थिक विषमता**: असमान सामाजिक और आर्थिक विकास, गरीबी, अन्याय, और अवसाद भी धरती पर विषमताएं उत्पन्न करते हैं।

इन विषमताओं के साथ-साथ, लोगों के द्वारा उत्पन्न की गई और बढ़ी गई असमानताएं भी धरती को भरी पड़ी हैं।

इन विषमताओं के समाधान के लिए कुछ उपाय निम्नलिखित हैं:

1. **पर्यावरण संरक्षण**: प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कम करने और पर्यावरण की रक्षा करने के लिए सकारात्मक कदम उठाना।

2. **विकास के समान अवसर**: समान और संवेदनशील विकास के लिए सामाजिक और आर्थिक अवसरों को सुनिश्चित करना।

3. **प्राकृतिक आपदा प्रबंधन**: प्राकृतिक आपदाओं के लिए अच्छे प्रबंधन की योजना बनाना और उन्हें प्रभावी ढंग से संभालना।

4. **सामाजिक समानता**: समाज में सामाजिक और आर्थिक समानता को बढ़ावा देना।

5. **शिक्षा और जागरूकता**: लोगों को पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, और सामाजिक समानता के महत्व के बारे में जागरूक करना और उन्हें श

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